


कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों की जांच के लिए दायर एक जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि ऐसे मामलों की जांच करना न्यायपालिका का नहीं, बल्कि ECI का अधिकार क्षेत्र है।
क्या था मामला?
अधिवक्ता रोहित पांडे ने एक जनहित याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया था कि वह पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधीद्वारा दिए गए बयानों - जिनमें उन्होंने 'वोट चोरी' का आरोप लगाया था - की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का निर्देश दे।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की दो सदस्यीय बेंच ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को ECI के पास जाने की सलाह दी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया या परिणामों से जुड़ी शिकायतों की जांच का अधिकार केवल निर्वाचन आयोग को है और न्यायपालिका का इसमें सीधा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।
याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि इस मामले में जनहित याचिका का कोई औचित्य नहीं बनता है और इसे खारिज कर दिया जाता है। कोर्ट के इस निर्देश के साथ ही, राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर SIT जांच की मांग अब समाप्त हो गई है।